कोनो सोहके केखनो नहि बिसारि राखब
मोनक गाछ केखनो नहि झखारि राखब
अबिते हएत मारिते रास कनैत आँखि
अहाँ थोड़ेक हँसी संगमे सम्हारि राखब
बहिते-बहैत बन्हा जाएब अहाँ बान्हसँ
संगमे हरदम कनिकबो जुआरि राखब
अबैत रहलाह नव-नव बिक्रमादित्य
कन्हासँ कहिआ इ बैताल उतारि राखब
नै कानू अबिते हएत रिलीफ लेने नेता
घर-दुआरि बना आँगन बहारि राखब
**** वर्ण---------16*******
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