लटपटायल देश के अहां से किछु अपेक्षा छैक
संदेहयुक्त नेतृत्व मे अहां से किछु अपेक्षा छैक
मनुख छी बचल अछि मनुखत्व एखनहु धैरि
भेडी के चालि नहि चली आई देशक अपेक्षा छैक
प्रगती के नाम पर पाश्चात्य सभ्यता नकल केल
एकल ने संयुक्त बनी समाजक ई अपेक्षा छैक
जे छल आधार ओ सृजक करै छथि एकांतवास
वृधाश्रम समाप्त करी पितर के ई अपेक्षा छैक
अतिथि देव भवह अपन जे ई परिचय छल
पाहुन के स्वागत करी संस्कारक ई अपेक्षा छैक
मैथिली के नाम पर आई गर्व करै छी देश पर
बेटी के भेटय सम्मान हृदय के ई अपेक्षा छैक
---वर्ण - १९ ---
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