शनिवार, 22 अक्टूबर 2011

गजल

लटपटायल देश के अहां से किछु अपेक्षा छैक
संदेहयुक्त नेतृत्व मे अहां से किछु अपेक्षा छैक

मनुख छी बचल अछि मनुखत्व एखनहु धैरि
भेडी के चालि नहि चली आई देशक अपेक्षा छैक

प्रगती के नाम पर पाश्‍चात्‍य सभ्यता नकल केल
एकल ने संयुक्त बनी समाजक ई अपेक्षा छैक

जे छल आधार ओ सृजक करै छथि एकांतवास
वृधाश्रम समाप्त करी पितर के ई अपेक्षा छैक

अतिथि देव भवह अपन जे ई परिचय छल
पाहुन के स्वागत करी संस्कारक ई अपेक्षा छैक

मैथिली के नाम पर आई गर्व करै छी देश पर
बेटी के भेटय सम्मान हृदय के ई अपेक्षा छैक


---वर्ण - १९ ---

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों