शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

गजल

कोम्हरसँ अएलै एहन फसादी रे जान

रे जान की लगलै बड़का पसाही रे जान


ओ जे मोटेलै बलू से कोना मोटेलै रे जान

खेने हेतै सभटा धन सरकारी रे जान


ओ तँ काजो करैए उपरसँ लातो खाइए

होइए एहने बुड़िबक बिहारी रे जान


पघिलैए जे लोहे जकाँ जमैए मोमे जकाँ

रे जान की कहबै ओहए सुतारी रे जान


हेतै कोना समाधान हड़तालेसँ रे जान

रे जान की तोड़बै कोना इ दिहाड़ी रे जान



**** वर्ण---------16*******

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों