सोमवार, 3 अक्तूबर 2011

गजल

हम कीनल खुशी पर नाचू कतेक

हम लोहाक कंठसँ बाजू कतेक


रहस्य बेपारक बुझबै नहुँ-नहुँ

कमजोर हाथमे तँ तराजू कतेक


आधुनिको नै उत्तर-आधुनिक जुग

भावनाकेँ बेचैत लोक चालू कतेक


ने माए ने बाप ने तँ भाए ने बहीनि

इ सार-सरहोजि-सारि-साढ़ू कतेक


मनुख तँ बनि जाइए अनचिन्हार

इ जानबरक रूप चिन्हाबू कतेक


**** वर्ण---------14*******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों