अहाँ गप्प हमरा संग एहिना करैत रहू
आ एहिना मोन हमर अहाँ जुड़बैत रहू
ने तँ मोन भरतै ने करेज भरतै केकरो
हम अँहाके छूब अहाँ हमरा छूबैत रहू
चलू दोस्त नहि दुश्मने बनि जाउ हमर
आ करेजसँ करेज भिरा अहाँ लड़ैत रहू
बरसतै अमरित केर बरखा करेजमे
बस खाली अहाँ कनडेरिए तँ देखैत रहू
अनचिन्हार लिखत प्रेमक पाँति गजलमे
करेज पर हाथ राखि एकरा पढ़ैत रहू
**** वर्ण---------17*******
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