शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2011

गजल

अहाँ गप्प हमरा संग एहिना करैत रहू

आ एहिना मोन हमर अहाँ जुड़बैत रहू


ने तँ मोन भरतै ने करेज भरतै केकरो

हम अँहाके छूब अहाँ हमरा छूबैत रहू


चलू दोस्त नहि दुश्मने बनि जाउ हमर

आ करेजसँ करेज भिरा अहाँ लड़ैत रहू


बरसतै अमरित केर बरखा करेजमे

बस खाली अहाँ कनडेरिए तँ देखैत रहू


अनचिन्हार लिखत प्रेमक पाँति गजलमे

करेज पर हाथ राखि एकरा पढ़ैत रहू



**** वर्ण---------17*******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों