गुरुवार, 13 अक्टूबर 2011

गजल

हमर मोन नहि भरैए मिलनक बेरमे

इ तँ अनचिन्हार बुझैए मिलनक बेरमे


जेहने विरह हो तेहने सिनेह सदिखन

अनचिन्हार मोन पड़ैए मिलनक बेरमे


इ जे देखै छी हमर देहक भाषा- अभिलाषा

आब अनचिन्हार कहैए मिलनक बेरमे


आब भगवानो जनैत छथिन्ह मोनक बात

देखू अनचिन्हार अबैए मिलनक बेरमे


हुनक रीत हुनकर प्रीत हुनकर गीत

आब अनचिन्हार लगैए मिलनक बेरमे



**** वर्ण---------19*******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों