बाट टूटैत रहलैक हर समय
लक्ष्य छूटैत रहलैक हर समय
भाइ बाढ़ि-भूकंप आबै की नै आबै
बान्ह टूटैत रहलैक हर समय
समय सतयुग होइ की कलयुग
ओ तँ लुटैत रहलैक हर समय
भाइ धर्मक युद्ध होइ की अधर्मक
सेना कटैत रहलैक हर समय
बेसी तेज दौगने नै भेटत पदक
ओ तँ खसैत रहलैक हर समय
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें