मंगलवार, 18 अक्तूबर 2011

गजल

जादू-मंतर मारि देलकै ओ जाइत-जाइत

मोन केकरो हरि लेलकै ओ जाइत-जाइत


जकरा अबिते भोर आबि गेलै ठोर पर

आँखिमे साँझ आनि देलकै ओ जाइत-जाइत


हाथ थरथराइत छलैक फूलों तोड़बासँ

कोमल मोन तोड़ि देलकै ओ जाइत-जाइत


उखरल छलैक सुलबाइ मुदा तैओ देखू

आँकर-लोहा पचा लेलकै ओ जाइत-जाइत


अनचिन्हारक ठोर सटलै अनचिन्हारसँ

मुदा मुँह तँ घुमा लेलकै ओ जाइत-जाइत



**** वर्ण---------17*******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों