सोमवार, 17 अक्टूबर 2011

गजल

दौडैत हन्फैत औनाएत जिनगी
तपैत भीजैत सिहरैत जिनगी

हन्सैत मुस्काएत जिवैत जिनगी
सुतैत पडैत मदमस्त जिनगी

उसर ज़मीन के तकैत जिनगी
मडुआक रोटी मे कनैत जिनगी

न्रित्य संगीत मध्य झूमैत जिनगी
देश विदेश खूब घुमैत जिनगी

सुखाड्क मारि सहैत जिनगी
करजा क बोझ उठ्बैत जिनगी

मधुशाला- प्याला मे छनैत जिनगी
लहना के टाका मे देखैत जिनगी

पेट मे पैसल बौवाएत जिनगी
डाक्टर ले पडल मरैत जिनगी

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों