पले पल प्रेमक प्यास लागय आब फ़ेर कहिया मिझायब यौ
रूइसकेँ तँ जाइत छी परायल पिया फेर कहिया आयब यौ
पचासे हजारक लेल ऐना तामसायल छी कथी लय पीतम
काज अस्सल फेरसँ हम अपन माय बाबुजी केँ बुझायब यौ
परुके साल एल.सी.डी. आओर फ़ीज बाबुजी रहैथ कीन देने
कहै छलाह अपन जमायक एहिना सभ सsख पुरायब यौ
मोटरोसाइकिलक सsख अहाँक ओहो जल्दीये कय देता पुरा
बस आब दसे हजार रुपैया बचल आरो छैक बचायब यौ
बाबुजीक आय छैक बड़ कम खर्चा अथाह अपरम पार यौ
तैपर मासेमास भायकेँ पढ़ेवाक खर्चा होस्टल पढ़ायब यौ
साल दुई साल तक छैक सेहो दस लाख दान-दहेजक खर्चा
वयस बितल जाइत छोटकी बोहिन केँ पहिने बिहायब यौ
बर हाथ लगैल बेटीक ऐतै करैथ बाबुजीयेक बड़प्पन
बुझनुक लोक स्वयं अहाँ छीहै हम गमारीन की बुझायब यौ
कहै छी हम बेचि लिय हमर सभटा गुड़िया गहना जेब़र
सोन शृंगार नय रहत तेँकि पिया हम उढ़ैर नै जायब यौ
हम अहाँकेँ छौड़ि कतय जायब पिया, छौड़ि कतय जायब यौ
चाहे मैरि-जैरि आब वा सदेह सिते जकाँ मैटिये समायब यौ
"शांतिलक्ष्मी" कहैत छथी यौ अहाँ तिरहुतक सर्वपुज पाहुन
और कतैक दिन धरि विदेहक बेटी जाति केँ सतायब यौ
....................वर्ण २४..................
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