सोमवार, 17 अक्टूबर 2011

गजल


रूसल छै कपार कहियो बौंसेबे करतै।
मोन रहतै टूटल कते जोडेबे करतै।

सागरक कात सीप बिछैत रहब हम,
कोनो सीप मे कखनो मोती भेंटेबे करतै।

क्षितिजक बाट केँ हम धेने छी सदिखन,
आकाश मे हमरो हिस्सा कनी हेबे करतै।

सजबै छी अपन उपवन एहि आस मे,
उजडल घर मे सुगंध भरेबे करतै।

कियो मानै नै मानै "ओम" इ कहिते रहत,
नैन रहतै नै पियासल जुडेबे करतै।
.......................वर्ण १६.......................

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों