शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

गजल


क्षणे मे एना कोना अजबे क्षनाँक भs गेलय
सुतली बुढ़ी क्षणे मे कोना टनाँक भs गेलय

ई देह आकि प्राणोक छैक गजवे महत्तम
हँसैत-खेलैत साँस क्षणे मे जाँक भs गेलय

निरोग बुढ़ीकेँ मरै मे छैक किछु गरबर
की कहुँ जखन जनमले बुराँक भs गेलय

कुटौन-पिसौन कैय बुढ़ी बेटाकेँ पोसलैनि
वैह माय बेटाक लेल दम नाँक भs गेलय

बच्चा मे बेटा सभ तेँ रहै बड़ सुसंसगर
आंखि-पांखि भेलै बेटा सभ उराँक भs गेलय

बुढ़ी केँ बेटा सभ सेँ रहै बड़ बड़ सेहन्ता
हुनक सभटा लिलसा फाँक-फाँक भs गेलय

"शांतिलक्ष्मी"केँ शंके भेनय कहियौ की बजती
दुनियाँ बड्ड जालीम दुष्ट चलाँक भs गेलय

...........................वर्ण १७..................

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों