रविवार, 16 अक्टूबर 2011

गजल

बेमार छी मुदा बेमार नहि लगैत छी

दबाइ खाइ से कहिओ नहि चाहैत छी


हमरा अँहा नीक लगै छी सभ दिनसँ

मुदा प्रेम अछि से कहि नहि पबैत छी


विसर्जन बला मुरती छी हम धारमे

भसा देल गेलहुँ मुदा नहि डुबैत छी


सभ दिन हमरा लेल मधुश्रावनिए

टेमी दगेलाक बादो नहि कुहरैत छी


एकरा तँ प्रेम कहिऔ की स्वार्थ कहिऔ

आब तँ हुनके इसारा पर चलैत छी


**** वर्ण---------15*******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों