मंगलवार, 4 दिसंबर 2012

मास नवम्बर 2012क लेल गजल सम्मान योजनाक पहिल चरण

हमरा इ सूचित करैत बड्ड नीक लागि रहल अछि जे " अनचिन्हार आखर"द्वारा स्थापित " गजल कमला-कोशी-बागमती-महानंदा" सम्मानक पहिल चरण बर्ख-2012 ( मास नवम्बर लेल ) पूरा भए गेल अछि। मास  नवम्बर  लेल बाल मुकुन्द पाठक    जीक एहि रचना के चयन कएल गेलैन्हि अछि। हुनका बधाइ।


गजल

अहाँ हमरा बिसरि रहलौँ
वियोगे हम तँ मरि रहलौँ
घुसिकँ कोनाकँ देहेमेँ
अहाँ हमरा पसरि रहलौँ

बिसरऽ ई लाख चाही हम
बनिकऽ लस्सा लसरि रहलौँ

कियै केलौँ अहाँ ऐना
करेजसँ नै ससरि रहलौँ

छुटल घर आ अहूँ छुटलौँ
दुखेँ हम आब मरि रहलौँ

बहरे -हजज 
'मफाईलुन' (मने 1222) दू बेर 

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों