रविवार, 16 दिसंबर 2012

रुबाइ

साँवरिया पिया अहाँ ई की कएलहुँ   

साउन चढ़ल छोड़ि चलि कोना गएलहुँ

बहल हवा शीतल सिहरैए हमर तन 

कोना रहब बिनु अहाँ बुझि नै पएलहुँ 
             ✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों