बाल गजल-69
आनि ले लग्गी तूँ सजल छै जिलेबी
गाछमे बड लुधकल फड़ल छै जिलेबी
लाल छै किछु आ किछु कने काँच हरियर
आनि ले लग्गी तूँ सजल छै जिलेबी
गाछमे बड लुधकल फड़ल छै जिलेबी
लाल छै किछु आ किछु कने काँच हरियर
लेल तोड़ब हम मीठ फल छै जिलेबी
काँट छै बड गाछपर सम्हारि चढ़िहें
छीपपर लटकल तेँ बचल छै जिलेबी
आब हम बीछब तोड़ि नीच्चा खसा तूँ
देख ले जेबीमे भरल छै जिलेबी
गाममे बहुते छल बचल गाछ एगो
गाछ नै तेँ भोगसँ उठल छै जिलेबी
फाइलातुन-मुस्तफइलुन-फाइलातुन
2122-2212-2122
बहरे-खफीफ
अमित मिश्र
काँट छै बड गाछपर सम्हारि चढ़िहें
छीपपर लटकल तेँ बचल छै जिलेबी
आब हम बीछब तोड़ि नीच्चा खसा तूँ
देख ले जेबीमे भरल छै जिलेबी
गाममे बहुते छल बचल गाछ एगो
गाछ नै तेँ भोगसँ उठल छै जिलेबी
फाइलातुन-मुस्तफइलुन-फाइलातुन
2122-2212-2122
बहरे-खफीफ
अमित मिश्र
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें