गजल
खूने खुनाम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
दुश्मनक गाम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
खोजैत रहब शांती संग मिल ओ नै भेटत
झगड़ाक धाम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
छै छोट गप मुदा एखनसँ हल्लुक नै बुझियौ
बदलैत दाम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
टूटैत गेल दुनियाँ संग लोकक सब सीमा
पुरना खराम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
चाननक ठोप छोरू आब के छै धर्मात्मा
कलयुगक राम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
भेटत जँ नीक संगी फेर इच्छा नै दोसर
स्वर्गक बनाम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
2212-1222-1222-22
अमित मिश्र
खूने खुनाम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
दुश्मनक गाम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
खोजैत रहब शांती संग मिल ओ नै भेटत
झगड़ाक धाम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
छै छोट गप मुदा एखनसँ हल्लुक नै बुझियौ
बदलैत दाम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
टूटैत गेल दुनियाँ संग लोकक सब सीमा
पुरना खराम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
चाननक ठोप छोरू आब के छै धर्मात्मा
कलयुगक राम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
भेटत जँ नीक संगी फेर इच्छा नै दोसर
स्वर्गक बनाम छै सम्बन्ध मनुखक आँगनमे
2212-1222-1222-22
अमित मिश्र
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