बुधवार, 12 दिसंबर 2012

रुबाइ

रुबाइ-127

अनकर खेतक उपजा अपन नै भऽ सकत
बिनु मेहनत केने जन किछु नै कऽ सकत
भेटत अधिकार लाठिए हाथे आब
बेसी विनम्र भेने तँ किछु नै लऽ सकत

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों