बुधवार, 12 दिसंबर 2012

रुबाइ

रुबाइ-129

चर्चा छै सगरो बजारमे प्रेम क
दर्शन छै सगरो पथारमे प्रेमक
कोनो बान्ह ने रोकलक ने रूकत
भरले छै पौती पेटारमे प्रेमक

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों