अनचिन्हार आखर
A Research Blog On Maithili Ghazal & Sher-o- Shayari
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
बुधवार, 12 दिसंबर 2012
रुबाइ
रुबाइ-129
चर्चा छै सगरो बजारमे प्रेम क
दर्शन छै सगरो पथारमे प्रेमक
कोनो बान्ह ने रोकलक ने रूकत
भरले छै पौती पेटारमे प्रेमक
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
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