बाल गजल-66
जानि नै कतसँ आबै छै मीठ सपना
नित मधुर नीन आनै छै मीठ सपना
राति आबै मुदा भागै भोरमे ई
डरि कऽ ककरासँ भागै छै मीठ सपना
चान आबै उतरि झरना खेत आबै
नव परी संग उतरै छै मीठ सपना
मोनकेँ मोहि लै एहन खेल खेलै
आनि जंगल हँसाबै छै मीठ सपना
दोस्तकेँ संगमे पोथी खोलि पढ़बै
ज्ञान कहियो बहुत दै छै मीठ सपना
भोर जल्दी उठब सपना लेल सूतब
देख कोना कऽ मानै छै मीठ सपना
फाइलातुन-मफाईलुन-फाइलातुन
2122-1222-2122
बहरे-असम
अमित मिश्र
जानि नै कतसँ आबै छै मीठ सपना
नित मधुर नीन आनै छै मीठ सपना
राति आबै मुदा भागै भोरमे ई
डरि कऽ ककरासँ भागै छै मीठ सपना
चान आबै उतरि झरना खेत आबै
नव परी संग उतरै छै मीठ सपना
मोनकेँ मोहि लै एहन खेल खेलै
आनि जंगल हँसाबै छै मीठ सपना
दोस्तकेँ संगमे पोथी खोलि पढ़बै
ज्ञान कहियो बहुत दै छै मीठ सपना
भोर जल्दी उठब सपना लेल सूतब
देख कोना कऽ मानै छै मीठ सपना
फाइलातुन-मफाईलुन-फाइलातुन
2122-1222-2122
बहरे-असम
अमित मिश्र
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