बाल गजल-70
उपरमे लत्ती माँटि तऽरमे अल्हुआ
फड़ल छै बहुते खेत चऽरमे अल्हुआ
आगिमे पाकल सोन्हगर सन स्वाद छै
उपरमे लत्ती माँटि तऽरमे अल्हुआ
फड़ल छै बहुते खेत चऽरमे अल्हुआ
आगिमे पाकल सोन्हगर सन स्वाद छै
दूधमे गूरू फेर कऽरमे अल्हुआ
लाल छै उपरसँ रंग उज्जर छै तऽरसँ
खूब खैयौ छै मीठ फऽरमे अल्हुआ
छै गरीबक भोजन अमीरक खेतमे
भेंटि जेतै मिथिलाक घऽरमे अल्हुआ
एकरा नै कहियो चिखलकै "अमित" तेँ
रोपि दिअ बाबू आइ चऽरमे अल्हुआ
2122-2212-2212
फाइलातुन-मुस्तफइलुन-मुस्तफइलुन
अमित मिश्र
लाल छै उपरसँ रंग उज्जर छै तऽरसँ
खूब खैयौ छै मीठ फऽरमे अल्हुआ
छै गरीबक भोजन अमीरक खेतमे
भेंटि जेतै मिथिलाक घऽरमे अल्हुआ
एकरा नै कहियो चिखलकै "अमित" तेँ
रोपि दिअ बाबू आइ चऽरमे अल्हुआ
2122-2212-2212
फाइलातुन-मुस्तफइलुन-मुस्तफइलुन
अमित मिश्र
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