दिल्लीँ मेँ भेल हिंसा आ बलात्कार पीड़िता के फोटो देख के मोनसँ अनायास निकलल किछु पाँति -
गजल
बिना दागक हमर छल ई चान सन मुँह
कुकर्मी नोचि लेलक मिल राण सन मुँह
कि सपना देखलौँ आ लुटि गेल जिनगी
घटल एहन बनल देखूँ आन सन मुँह
रमल रहियै अपन धुनमेँ आ कि एलै
चिबा गेलै हमर सुन्नर पान सन मुँह
बनल नै स्त्री समाजक उपभोग चलते
किए तैयो मनुख नोचै चान सन मुँह
हमर सभ लूटि गेलै ईज्जत व चामोँ
कि करबै जी कऽ लेने छुछुआन सन मुँह
बहरे-करीब मने
"मफाईलुन - मफाईलुन-फाइलातुन"
मात्रा क्रम-1222 - 1222 - 2122
©बाल मुकुन्द पाठक ।।
गजल
बिना दागक हमर छल ई चान सन मुँह
कुकर्मी नोचि लेलक मिल राण सन मुँह
कि सपना देखलौँ आ लुटि गेल जिनगी
घटल एहन बनल देखूँ आन सन मुँह
रमल रहियै अपन धुनमेँ आ कि एलै
चिबा गेलै हमर सुन्नर पान सन मुँह
बनल नै स्त्री समाजक उपभोग चलते
किए तैयो मनुख नोचै चान सन मुँह
हमर सभ लूटि गेलै ईज्जत व चामोँ
कि करबै जी कऽ लेने छुछुआन सन मुँह
बहरे-करीब मने
"मफाईलुन - मफाईलुन-फाइलातुन"
मात्रा क्रम-1222 - 1222 - 2122
©बाल मुकुन्द पाठक ।।
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