शनिवार, 15 दिसंबर 2012

रुबाइ

नाथक पजारल नेह धधैक रहल अछि

असगर करेजा हमर तड़ैप रहल अछि 

लगने कोन अहाँसँ हम नेह लगेलौं

प्रेमक गरमीसँ देह बरैक रहल अछि 

                ✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’


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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों