बाल गजल -71
सबसँ हम आब दोस्ती करब
मीत बनतै तँ होली करब
हँसब बाजब पढ़ब आ लिखब
खेलमे खूब मस्ती करब
भोरमे योग आसन करब
रोगकेँ आब छुट्टी करब
लोक झगड़ा अनेरे करै
हम तँ नै आब कट्टी करब
मेहनत करब ई प्रण हमर
आब नै टास्क चोरी करब
पाप छै फूसि बजनाइ तेँ
सत्यकेँ नाम वाणी करब
फाइलुन
212 तीन बेर सब पाँतिमे
बहरे-मुतदारिक
अमित मिश्र
सबसँ हम आब दोस्ती करब
मीत बनतै तँ होली करब
हँसब बाजब पढ़ब आ लिखब
खेलमे खूब मस्ती करब
भोरमे योग आसन करब
रोगकेँ आब छुट्टी करब
लोक झगड़ा अनेरे करै
हम तँ नै आब कट्टी करब
मेहनत करब ई प्रण हमर
आब नै टास्क चोरी करब
पाप छै फूसि बजनाइ तेँ
सत्यकेँ नाम वाणी करब
फाइलुन
212 तीन बेर सब पाँतिमे
बहरे-मुतदारिक
अमित मिश्र
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें