अनचिन्हार आखर
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
बुधवार, 12 दिसंबर 2012
रुबाइ
रुबाइ-131
ओ आँखिक काजर करेज लाल केलक
जीयल छी किए एहन सबाल केलक
बाहरमे सुमन भीतर दावानल ओ
जहरे सन सुआदसँ नया साल केलक
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