बाल गजल-73
कन कन पानि कते देहो करै थरथर
प्यासो लागल नै पी सकब छै भिनसर
स्वीटर मोफलरसँ मोटगर भेलौं हम
लेपल तेल बहुत लागैत छी जोकर
कारी दिन कखनसँ छै हाथ छै सुन्न
लिखिते ए अ लिखेलै भेल सब गड़बड़
भैया सब बचले रऽहऽ चलि रहल पाला
तूँ प्रकृतिसँ लड़ें नै ओ सबसँ बलगर
जहिना जीवन तहिना ऋतु तँ बदलै छै
विज्ञानक गप छै लगबै धरा चक्कर
मफऊलातु-मफईलुन-मफईलुन
2221-1222-1222
अमित मिश्र
कन कन पानि कते देहो करै थरथर
प्यासो लागल नै पी सकब छै भिनसर
स्वीटर मोफलरसँ मोटगर भेलौं हम
लेपल तेल बहुत लागैत छी जोकर
कारी दिन कखनसँ छै हाथ छै सुन्न
लिखिते ए अ लिखेलै भेल सब गड़बड़
भैया सब बचले रऽहऽ चलि रहल पाला
तूँ प्रकृतिसँ लड़ें नै ओ सबसँ बलगर
जहिना जीवन तहिना ऋतु तँ बदलै छै
विज्ञानक गप छै लगबै धरा चक्कर
मफऊलातु-मफईलुन-मफईलुन
2221-1222-1222
अमित मिश्र
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