बुधवार, 12 दिसंबर 2012

गजल


बाल गजल-67

जगमग करै जंगल दिवाली रातिमे
जानवर सब नाचल दिवाली रातिमे

भगजोगनी दै दीप भौँरा मोम दै
गोबरसँ घर नीपल दिवाली रातिमे

भालू जँ बाँटै मधु तँ गैया दूधकेँ
सब मदतिमे लागल दिवाली रातिमे

उल्लू उड़ल एलै लऽ लक्ष्मी माइकेँ
सब ठाढ़ कर जोड़ल दिवाली रातिमे

हाथी कहै फोड़ब फटक्का नीक नै
तैयो बहुत फूटल दिवाली रातिमे

हम एक छी सब ठाम भेटल सीख ई
नेहक सुधा भेटल दिवाली रातिमे

मुस्तफइलुन
2212 तीन बेर सब पाँतिमे

अमित मिश्र
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों