प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल----
पश्चिम केर ड्रेसमे मेल लगैए
फीगरसँ देखिऔ फीमेल लगैए
फैशन आ चालिसँ अछि आधुनिक
तैं ई पत्नीसँ बेसी रखैल लगैए
ई बजार भेल जाइए देहगर
तँए सभ देह केर खेल लगैए
बाहरसँ चिक्कन-चुनमुन देखू
भीतरसँ भारतीय रेल लगैए
आखर-----13
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