अनचिन्हार आखर
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
सोमवार, 25 जून 2012
रूबाइ
57
पाथर बनल करेज त' मानवता मरल
कारी खून भेलै दानवता जागल
काजर सन कारी मुँह पर लेपल ढोँग
चाँङुर फँसि अंधविश्वासक कते जड़ल
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