मंगलवार, 26 जून 2012

रूबाइ

रूबाइ-108

पना देखलौँ नैन मिलल सबेर मे
भटकै छी परीक लेल सपन ढ़ेर मे
थाकल छी नै भेटि रहल क्षणिक झलक
भेटल छल जे प्रीत सागरक किछेर मे

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों