शनिवार, 23 जून 2012

गजल

प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल----




बिनु पीनहुँ नशामे मातल अछि ई दुनियाँ

शोणिते भीजल जेना काटल अछि ई दुनियाँ


सभ कहै अछि दोषी एक-दोसर लोककेँ तें

अपने सही कह'मे लागल अछि ई दुनियाँ


मंद-मंद मुस्की मुदा ठोर अछि काँपि रहल

सिनेहसँ सिक्त मुदा फटल अछि ई दुनियाँ


नजरि बचौने रहैए अपने लोक आब तँ

फाँटसँ फटिआएल साटल अछि ई दुनियाँ


राखू अपन विचार संजोगि क' सदिखन

अहीं सन लोक लेल ठाठल अछि ई दुनियाँ


आखर-----17

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों