मंगलवार, 26 जून 2012

गजल

बाल गजल

माँ धरा मामा चान छै
सूर्य दादा नै आन छै

छै बिलाई मौसी चतुर
लैत मूसा के जान छै

कुकुर खेहारे चोर के
उड़ल चोरक त' प्राण छै

आम सब बनरा खेलकै
डाढ़ि तोड़ै शैतान छै

चलल हाथी जी ट्रेन चढ़ि
सूढ़ बड़का टा कान छै

बाघ छै हम सब छी तखन
शेर जंगाल के शान छै

फाइलातुन-मुस्तफाइलुन
2122-2212

अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों