रूबाइ-101
आब प्रिय चोरी नुकैया छोरू ने
बिनु पेँनक बातसँ आब मुँह मोरू ने
बाजै छी त' झंझट नै बाजब त' दर्द
कोनो नव बाट खोजि नेह जोरू ने
आब प्रिय चोरी नुकैया छोरू ने
बिनु पेँनक बातसँ आब मुँह मोरू ने
बाजै छी त' झंझट नै बाजब त' दर्द
कोनो नव बाट खोजि नेह जोरू ने
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