प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल----
ल' क' बैसल थातीकेँ उपहार करैए
ओकर पाइसँ ऐश सभ यार करैए
आब धएल छै संबंधे लेल जतियारी
तँए पसारी बुझु जे उपकार करैए
लोक तकैए आब सुविधा जनक वस्तु
तैयो गरमेबाक काज पुआर करैए
खपल जा रहल समाजिक छोट-पैघ
पाइ बला गरीबक मनुहार करैए
सभ्य जा रहल अछि कतिआएल एत'
शांति बँटैकेँ सभ काज हुड़ार करैए
आखर-----15
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