शनिवार, 23 जून 2012

गजल

प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल----



अपन माटि-पानिक मोल पानिमे भसा गेलैए

तँए तँ आब शहरुआ रंग धौंस जमा गेलैए



अफसर आ बबुआनी भ' गेलैए मुट्ठीक खेल

सभ धिया-पुता तकनीकी ज्ञान ल' रमा गेलैए



देहकेँ जे खूब धुनियो क'नै पेलक बोनि ऐठाँ

शिक्षाक प्रतापे ओकरे धिया-पुता कमा गेलैए



गमैया लोक आबो जोगेने अछि पुरखाक थाती

शरहक चपेटमे आबि नवका झमा गेलैए



आब नै लुलुआबैए लोक अपन पड़ोसीयाकेँ

पाइसँ पटि सभहँक घर गम-गमा गेलैए



आखर-----18

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों