गजल नै नै गीत लिखलौँ
जँ लिखलौँ त' प्रीत लिखलौँ
दरद सीमा पार केलक
त' मरहम घसि मीत लिखलौँ
उलट बातसँ नीक लागै
गरम के हम शीत लिखलौँ
बयानसँ पलटब त' इज्जत
जँ नेता सन गीत लिखलौँ
बरसबै नै मेघ बनबै
ढहल आँगन भीत लिखलौँ
बहू सासुक भेल झगड़ा
मधुर संगे तीत लिखलौँ
बचब नै यौ प्रलय हेतै
फँसल साँसक जीत लिखलौँ
"अमित" देखल अपन नैनसँ
समाजक सब रीत लिखलौँ
मफाईलुन-फाइलातुन
1222-2122
बहरे-मजरिअ
अमित मिश्र
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