शनिवार, 23 जून 2012

गजल

प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल----



बड्ड मजा अबैत छै मुफ्त मालमे

मुदा दुख होइ अछि जीबैत मलालमे


सहि ने सकब समाज केर उपराग

नीक छल जे जीबैत रहितौं अकालमे


मोन ने भरैत छल अबैत वेतनसँ

आब हम अपनाकेँ गानै छी दलालमे


अपन जिनगी आगू बढ़ेबा लेल दोस

लागल छी हम तँ दोसरक हलालमे

आखर-----15

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों