मंगलवार, 26 जून 2012

गजल

बसलौँ अहाँ जखन मन मे हमरा चमकि गेल जिनगी
अनमोल नेहक उड़ल खुशबू मे गमकि गेल जिनगी

माधुर्य माँखैत खुजलै जखने  कमल ठोर रानी
लवणी सँ छलकैत ताड़ी बूझू छलकि गेल जिनगी

गाबी अहाँ गीत मोने मोने जँ तैयौ गजब धुन
मुस्की द' देलौँ चहटगर अमृत झमकि गेल जिनगी

नीरीह जानबर बनि नैनक मारि खेलौँ सदिखने
फूले छलै बाण नैनक तेँए धड़कि गेल जिनगी

सगरो अहाँ के लिखल छवि डूबल कलम नेह मे यै
गाबै "अमित" गजल लिखलक देखू दमकि गेल जिनगी

          बहरे मुजास

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों