सखी सब गेल लागल छैक रेला चल
चलेँ गै माइ घूमै लेल मेला चल
कहै छल सरबतीया सजल छै सर्कस
कुकुर बानरक देखै लेल खेला चल
कते छै भीड़ छोड़े नै पकड़ आँङुर
उठा ले अपन गोदी तखन मेला चल
स सीँ पू पीँ करत बड पीपही फूक्का
गुड़ीया कीन दे सब भरल ठेला चल
कने छै भूख झिल्ली देख लागल गै
गरम कचरी कने मुरही ल' केला चल
मफाईलुन[1222 तीन बेर सब पाँतिमे]
बहरे_हजज
अमित मिश्र
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