मंगलवार, 26 जून 2012

गजल

युग विज्ञानक शोध एखन क' देखै छी
अपन मन परबोध एखन क' देखै छी

रहत जगमे अमर मानव मरत दानव
नव मशीनक रोध एखन क' देखै छी

भाग बनतै मात्र दस खा क' रसगुल्ला
शक्ति के हम बोध एखन क' देखै छी

सत्त सी .ओ .टू बनल झूठ आँक्सीजन
कार्बनक अबरोध एखन क' देखै छी

डाहि हम संस्कार संस्कृति मुस्कै छी
मान लेल क्रोध एखन क' देखै छी

देश चलबै छी त' सब राज के देखू
जोड़ि कर अनुरोध एखन क' देखै छी

       बहरे-कलीब

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों