मंगलवार, 26 जून 2012

रूबाइ

रूबाइ-100

पोखरि नै दौड़ैत नदी के धार छी
नै छी मात्र कलम सत्यक हथियार छी
छी ग्यानक अथाह सागर मोती भरल
अपटी खेत मे उपजल बिड़ार छी

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों