अनचिन्हार आखर
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
मंगलवार, 26 जून 2012
रूबाइ
रूबाइ-98
कोनो मीत जखन जिनगी जड़ा दै यै
कोनो मलहमसँ नै घाव सुखा दै यै
सबटा बाग उजड़ि जाइ छै पलमे
खूनक बूँद जँ कागज पर बहा दै यै
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