अनचिन्हार आखर
A Research Blog On Maithili Ghazal & Sher-o- Shayari
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
मंगलवार, 26 जून 2012
रूबाइ
78
सोनाक संगे ताँवा चमकि रहल छै
मिथिलाक सुआदसँ आन चसकि रहल छै
बलगरक संग पाबि कमजोर जीतै छै
तेँए पड़ोस के भाग बमकि रहल छै
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