प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल----
पहिरु गहना एना जे झमका दिए
नेह जोरू एना जे भाग्य चमका दिए
लिअ ने विराम कहियो जिनगीमे
जोशबैसनाहरकेँ सेहो उठा दिए
चलू तँ सदिखन समय केर संग
एना बैसू जे जिनगीकेँ गमका दिए
संगी केहनो भेटए तँ डर नै करू
संग धरू एहन जे रमका दिए
करू अफसोच ओहन आदमी पर
जे सभहँक जिनगीकेँ ठमका दिए
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आखर-----14
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