ठोढ जे थरथरायल नाम बाहर नहि आयल
करेज मे छल बन्न इल्ज़ाम बाहर नहि आयल
आन्खि मे डुबकी लगाय तरबतर भय प्रेम मे
ठमकि जे गेलहु प्रेम धाम बाहर नहि आयल
बात बढ्बै ले पुछ्लहु जे पता ठेकाना अहां सों
मुस्की द जे चल गेलहु गाम बाहर नहि आयल
चिरपरिचित रहितो जेना छलहु अंजान
सामने रहितो ई गुमनाम बाहर नहि आयल
जीवन भरि प्रेम रस पीबि बेदम भेल मिहिर
अंततः प्रेम के कोनो अंजाम बाहर नहि आयल
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