सब त दारू के बोतल मुँह सऽ उठा क पिबै या / |
"मोहन जी" गिलास में कने पिलैथ त की भेल // |
सब पर्दा में दुनियाँ के ठगे या और चोरी करे या / |
हम कोनो लड़की के दिल चोरा लेलो त की भेल // |
चोर सब चोरी के लेल राईत अन्हरिया मंगैत या / |
हम प्यार करे के लेल ईजोरिया मंगलो त की भेल // |
भगवान स दुनियाँ पाई-रूपया घर-दुआर मगैंत या / |
हम सुंदर सुशिल सभ्य लड़की मंगलो त की भेल // |
सब त दारू के बोतल मुँह सऽ उठा क पिबै या / |
"मोहन जी" गिलास में कने पिलैथ त की भेल // |
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बुधवार, 14 दिसंबर 2011
गजल
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