सब तरहक रंग में हम फिट भ गेलो |
नेता सब दुनियां में गिरगिट भ गेले |
अफसर सब स ओ मिलत सिवाय जे |
गेटकी पर लटकल होय चिट् भ गेले |
चोर-डाकू और लफंगा-उचक्का सेहो |
सब के सब संसद में परमिट भ गेले |
"मोहन जी"हर युग में सदा सूली चढल |
कातिल-झूठा के नारा मगर हिट भ गेले |
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शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011
गजल
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अजय ठाकुर (मोहन जी),
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
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