सोमवार, 5 दिसंबर 2011

गजल

भोर होइए और सांझ होइए
दिन एहिना आब खेपा जाइए

गप्प करी कखनौ मोन होइए
कलम से कागत लिखा जाइए

कोई कहै शेर आ कोई गज़ल
मोनक धधरा त मिझा जाइए

सोच आ अनुभूती क मिलन
नव नव बात ई सिखा जाइए

नव सोच आ मित्र भेटथि रोज
दिन एहिना आब खेपा जाइए

----वर्ण - १२ ---

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों