जे रुप अछि जे रंग अछि
कुँयै मे घोरल भंग अछि
सेक्स बेचय के छै फ़ैसन
उघरैत अंग अंग अछि
पार्क आफ़िस बाट चौबट्टी
ओहिना सेक्स चितंग अछि
अंग प्रदर्शनक धुम छै
निसाँ मे लोक मतंग अछि
हरैय रहलै हेँ मातृत्व
आधुनिक ओ जे नंग अछि
गोलाइक सभकेँ गुमान
रति-स्वप्नक उमंग अछि
झाँपल के होइ दुर-छीह
आहा ततै जे उतंग अछि
बदलैत संस्कृतिक रुप...
देखि "शांतिलक्ष्मी" दंग अछि
.......वर्ण १०........
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