बुधवार, 6 जून 2012

गजलक इस्कूल भाग-52

वेदमे वर्णित "सोम रस" की थिक। सोम रस मने शराब।वेदमे लिखल ऐ सोम रस केर व्याख्या बहुत लोक चंद्र किरण, या ज्ञानक प्रतीक आर आन-आन प्रतीक मानै छथि। मुदा वएह लोक सभ अरबी-फारसी-उर्दू गजलमे देल शराब माने खाली शराब बुझै छथि। वास्तविकता तँ ई छै जे अरबी-फारसी-उर्दूमे शराब शब्दक प्रतीकसँ जे चमत्कार एलै से सोम रस केर प्रतीकसँ नै एलै। किछु लोक से गजलमे प्रयुकत शराबकेँ बाइ जी आ ठेकासँ जोडि देखै छथि। हमरा बुझने हिनका सभकेँ गजलक ज्ञान तँ नहिए टा छन्हि आ संगे-संग ई सभ साम्प्रदायिक सेहो छथि। अहाँ सभकेँ की बुझाइए
ई सभ साम्प्रादायिक छथि आ गजलकेँ नै बुझै छथि
नै ई सभ साम्प्रदायिक नै छथि आ गजल सेहो बुझै छथि
    · · · 8 May at 13:15

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    तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों